आज देश एवं दुनिया भर में हिंदी बोलने-जानने वाले लोगों की संख्या अधिक है। दुनिया के लगभग 200 विश्वविद्यालयों और संस्थाओं में हिंदी का अध्ययन-अध्यापन हो रहा है। हिंदी हमारी अपनी भाषा है। अपनेपन की भाषा है। वैश्वीकरण के इस दौर में हिंदी दुनिया के कई देशों में सूचना, संवाद और व्यापार की एक मजबूत ताकत के रूप में पहचानी जा रही है। विश्व के अनेक देशों में हिंदी भाषा को लेकर भाषाई और सांस्कृतिक कारणों से गहरी रुचि है। इसलिए आज हिंदी भाषा के क्षितिज का निरंतर विस्तार होने के साथ ही उसे अंतरराष्ट्रीय फ़लक पर नयी पहचान मिल रही है।
इसका एक कारण यह है कि हिंदी अपनी प्रकृति और संस्कृति दोनों तरह से विस्तारशील है। यह भाषा हमेशा अन्य भाषाओं के साथ समभाव, सहभाव और समन्वयपूर्ण समावेश की पक्षधर रही है। पिछले कुछ दशकों में भारत के वैश्विक व्यापार-संपर्कों और संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। दुनिया के विभिन्न देशों के लिए भारत एक बड़ा और संभावनाओं से भरा बाज़ार है। इसलिए निश्चय ही यह कहा जा सकता है कि हिंदी अपने गौरवशाली अतीत और विकासशील वर्तमान के साथ विश्व के भविष्य और भविष्य के विश्व की भाषा है।
अब चूंकि इस गौरवशाली संस्था में मुझे योगदान करने का महान अवसर प्रदान किया गया है। अतः मैं, विश्वविद्यालय की यात्रा को महानता के पथ पर आगे ले जाना चाहता हूँ। इस विभाग के माध्यम से यह सुनिश्चित करना मेरा दायित्व है कि यह विश्वविद्यालय छात्रों के लिए वैसा ही आदर्श बना रहे, जैसाकि हमारे संस्थापकों ने इसका सपना देखा है।
प्रिय विद्यार्थियों, सहकर्मियों एवं हिन्दी प्रेमियों,
हिन्दी विभाग में आपका हार्दिक स्वागत है। हमारा विभाग न केवल भाषा और साहित्य के अध्ययन का केंद्र है, बल्कि यह सृजनशील चिंतन, सांस्कृतिक चेतना और मानवीय मूल्यों का भी पोषक स्थल है। वर्तमान युग में जब भाषाएँ केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं रहीं, बल्कि पहचान और नवाचार का आधार बन
चुकी हैं, हिन्दी अपने व्यापक स्वरूप में विश्व स्तर पर एक सशक्त भूमिका निभा रही है। हमारा विभाग इस दिशा में विद्यार्थियों को आधुनिक दृष्टिकोण, अनुसंधान प्रवृत्ति, और रचनात्मक क्षमता से संपन्न करने के लिए सतत प्रयत्नशील है।
हमारा लक्ष्य हिन्दी को रोजगार, अनुसंधान और तकनीकी क्षेत्रों से जोड़ते हुए इसे ज्ञान-विज्ञान की भाषा के रूप में स्थापित करना है। साथ ही, हम चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थी भारतीय संस्कृति की आत्मा को समझें और अपने विचारों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएँ। हिन्दी का उत्थान हमारे आत्मबल, संस्कार और राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा हुआ है। आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हिन्दी को न केवल बोलचाल या लेखन की भाषा बनाएं, बल्कि जीवन और कर्म की भाषा बनाएं।
“हिन्दी का विकास, राष्ट्र की प्रगति का मार्ग है।”
सादर,
डॉ. श्रीप्रकाश
प्रभारी, हिन्दी विभाग
स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर
Email: shriprakash747@gmail.com │ Mobile: 9307012707
हिंदी विभाग विश्वविद्यालय के सबसे नये किंतु प्रतिष्ठित विभागों में से एक है, जिसमें स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर तक अध्यापन होता है। सन 2023 में माननीय कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक जी की प्रेरणा से हिंदी विभाग की स्थापना हुई ।
विभाग की स्वतंत्र स्थापना का उद्देश्य यह है कि हिंदी भाषा और साहित्य आदि विभिन्न क्षेत्रों में शोध, शिक्षण-प्रशिक्षण तथा विमर्श आदि स्वतंत्र रूप से किए जा सकें। साथ ही विदेशी विद्यार्थियों को हिंदी भाषा, साहित्य और भारतीय संस्कृति से परिचित कराया जा सके। बहुभाषी भारतीय संदर्भ में, हिंदी को देश की एकता और अखंडता के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है तो आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के व्यावहारिक उद्देश्य की सेवा भी करनी होगी। इसलिए यह विभाग हिंदी में रोजगार के अवसर को देखते हुए एवं हिंदी को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए भविष्य में अनुवाद, विदेशी छात्रों के लिए डिप्लोमा/ सर्टिफिकेट, जनसंचार क्षेत्र में पत्रकारिता डिप्लोमा जैसे पाठ्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन भी करेगा। इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी है। हिन्दी विभाग साहित्य अध्यापन के माध्यम से सृजन और विचार का मुक्त आकाश बनाने की दिशा में प्रयासरत है। इस आकाश में उड़ान के लिए आपका स्वागत है।
लक्ष्य :
हिंदी विभाग
मोबाइल : 9462938849 निदेशक , 9307012707 प्रभारी , 8130045405, 9971707114
इ-मेल : langschool@csjmu.ac.in, dohcsjmu@gmail.com
पाठ्यक्रम के बारे में: भारत में प्रथम और दुनिया में चौथी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा हिंदी न केवल आधिकारिक भाषा है, बल्कि साहित्यिक और सांस्कृतिक पाठ का एक विशाल भंडार भी है। सीएसजेएमयू हिंदी में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की शुरूआत करने पर गर्व महसूस कर रहा है। विभाग ने परास्नातक एम.ए. हिंदी राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के अनुसार सेमेस्टर प्रणाली में शुरू कर दिया है।
सीटों की संख्या: 15
पात्रता: एम.ए. हिंदी में प्रवेश स्नातक में प्राप्त अंकों द्वारा तय की गई योग्यता के आधार पर किया जाता है।
शुल्क: ₹ 10,000 प्रति वर्ष
Department Contact
हिंदी विभाग
मोबाइल : 9013252633, 9871532075
इ-मेल : vikas1992jnu@gmail.com, vkyadav@csjmu.ac.in
पाठ्यक्रम के बारे में: भारत में प्रथम और दुनिया में चौथी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा हिंदी न केवल आधिकारिक भाषा है, बल्कि साहित्यिक और सांस्कृतिक पाठ का एक विशाल भंडार भी है। सीएसजेएमयू हिंदी में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की शुरूआत करने पर गर्व महसूस कर रहा है। विभाग ने स्नातक बी.ए. (ऑनर्स) हिंदी राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के अनुसार सेमेस्टर प्रणाली में शुरू कर दिया है।
सीटों की संख्या: 15
पात्रता: बी.ए. (ऑनर्स) में प्रवेश 10+2 में प्राप्त अंकों द्वारा तय की गई योग्यता के आधार पर किया जाता है।
शुल्क: ₹ 10,000 प्रति वर्ष
Department Contact
हिंदी विभाग
मोबाइल : 9013252633, 9871532075
इ-मेल : vikas1992jnu@gmail.com, vkyadav@csjmu.ac.in
| अंग्रेजी, हिन्दी, पत्रकारिता |
| अंग्रेजी, हिन्दी, भूगोल |
| हिन्दी, अंग्रेजी, शिक्षाशास्त्र |
| हिन्दी, अंग्रेजी, योग |
| संस्कृत, हिन्दी, शिक्षाशास्त्र |
| संस्कृत, हिन्दी, समाजशास्त्र |
सीटों की संख्या: 40
पात्रता: बी.ए. में प्रवेश 10+2 में प्राप्त अंकों द्वारा तय की गई योग्यता के आधार पर किया जाता है।
शुल्क: ₹ 10,000 प्रति वर्ष
Department Contact
हिंदी विभाग
मोबाइल : 9013252633, 9871532075
इ-मेल : vikas1992jnu@gmail.com, vkyadav@csjmu.ac.in