यह कार्यक्रम परास्नातक हिन्दी की उपाधि के निमित्त है, जो मुक्त दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। इस प्रणाली में, छात्रों को पारंपरिक विधि से कक्ष में उपस्थित हुए बिना ही दूरस्थ शिक्षा माध्यम से अध्ययन करने की सुविधा प्राप्त होती है। ऐसे कार्यक्रम प्रमुखतः कामकाजी, पेशेवरों या ऐसे व्यक्तियों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए निर्मित किए जाते हैं जो नौकरी की प्रतिबद्धताओं, पारिवारिक ज़िम्मेदारियों या भौगोलिक बाधाओं जैसे विभिन्न कारणों से पूर्णकालिक, परिसर-शिक्षण-कार्यक्रम के लिए उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त श्रेणी 1 और NAAC द्वारा A ++ की रैंक प्राप्त है। अतः विश्वविद्यालय छात्रों को कौशल विकास और भविष्य को उज्ज्वल बनाने का अवसर प्रदान कर रहा है। यह 2 वर्ष अर्थात् 4 सेमेस्टर का कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम उन छात्रों में साहित्य बोध के द्वारा मानवीय गुणों का विकास करने, संवेदनाओं की बेहतर समझ बनाने में अच्छा अवसर प्रदान करेगा।
कार्यक्रम की अवधि : 02 वर्ष; 04 सेमेस्टरों में विभाजित है
अर्हता: इसी भी विषय में स्नातक
शिक्षण शुल्क : Rs. 11,000/- वार्षिक