आज दिनांक 5 सितंबर 2021 दिन रविवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के सभागार में शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस सम्मान समारोह का आयोजन किया गया एवं विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका अभिव्यक्ति का विमोचन किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री सतीश महाना जी कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार एवं विशिष्ट अतिथि माननीय सांसद श्री देवेंद्र सिंह भोले जी एवं कार्यक्रम अध्यक्ष माननीय कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक जी थेl विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक जी ने बताया कि सम्मान समारोह में विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के सेवानिवृत्तप्रोफेसर, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं शिक्षकों का सम्मान किया गयाl
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि माननीय श्री देवेंद्र सिंह भोले जी ने कहा कि इस दिन भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉ॰ राधाकृष्णन सनातन संस्कृति के संवाहक और प्रख्यात विचारक थे। गुरु शिष्य के जीवन में व्याप्त अंधकार को मिटाकर प्रकाश फैलाते हैं। गुरु बिना ज्ञान हासिल नहीं होता है। इसके लिए हर एक व्यक्ति के जीवन में गुरु का होना बहुत जरूरी है। जिन शिक्षकों की मृत्यु कोरोना काल के दौरान हुई उन्होंने उनके लिए गहरा दुख व्यक्त किया
डॉ सुरेश अवस्थी जी ने नई शिक्षा नीति के बारे में कहा कि सपने वो नहीं होते जो हम बंद आंखों से देखते हैं सपने वह होते हैं जो हमें सोने ही नहीं देते,हमें जीवन के हर मुश्किल और अच्छे मोड़ पर शिक्षकों की सिखाई बातें याद आती रहेंगी। शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं है शिक्षा आचरण से भी मिलती है जीवन जीने की साधना हमें शिक्षकों के द्वारा मिलती है
श्री बलराम नरूला जी ने कहा कि शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमें जीवन में आगे बढ़ने और ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए शिक्षा की जरुरत होती है। सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री सतीश महाना जी ने कहा कि एक शिक्षक का किसी भी छात्र के जीवन में खास महत्व होता है. कहा जाता है कि किसी भी बच्चे के लिए सबसे पहले स्थान पर उसके माता-पिता और फिर दूसरे स्थान पर शिक्षक होता है. शिक्षक एक बच्चे के भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान देता है. एक शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा रहता है.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक जी ने कहा कि शिक्षक हमारे समाज का निर्माण करते हैं। वहीं हमारे मार्गदर्शक होते हैं। शिक्षक का स्थान माता पिता से भी ऊंचा होता है। माता-पिता बच्चे को जन्म जरूर देते हैं लेकिन शिक्षक उसके चरित्र को आकार देकर उज्वल भविष्य की नींव तैयार करता है। इसलिए हम चाहें कितने भी बड़े क्यों न होने जाए हमें अपने शिक्षकों को कभी नहीं भूलना चाहिए। एक कुम्हार जैसे मिट्टी के बर्तन को दिशा देता है, वैसे ही टीचर्स हमारे जीवन को संवारते हैं। टीचर्स ही हमारी प्रेरणा के स्त्रोत हैं जो हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।हमारे जीवन में शिक्षकों के इस योगदान के लिए हमें अपने शिक्षकों का हमेशा आदर और सम्मान करना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अंशु यादव जी ने कियाl इस शिक्षक सम्मान समारोह में प्रोफेसर संजय कुमार स्वर्णकार प्रोफेसर सुधीर अवस्थी प्रोफेसर मुनेश कुमार प्रोफेसर सुधांशु पांडिया वित्त अधिकारी श्री पी एस चौधरी एव कुलसचिव डॉ अनिल कुमार यादव डॉक्टर संदीप सिंह डॉक्टर आरपी सिंह डॉक्टर बृजेश कटियार डॉ प्रवीण कटियार डॉ विवेक सचान प्रवीण भाई पटेल एवं डॉक्टर बी पी सिंह उपस्थित थे इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित की गई E Magzine का भी उद्घाटन सभी मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथियों द्वारा किया गया इस मैगजीन के संपादक मंडल में शिक्षक डॉ जितेंद्र डबराल, डॉ रश्मि गोरे, डॉ रिचा वर्मा डॉ चारू खान, डॉ विवेक सचान, डॉ नियति पाधी एवं श्रीमती अपर्णा कटियार आदि शिक्षक थे
प्रोफेसर संजय कुमार स्वर्णकार मीडिया प्रभारी छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर